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महशिवरात्रि पर विशेष

महशिवरात्रि पर विशेष

विजय कुमार शर्मा की कलम से

      आज महाशिवरात्रि का पावन मंगलमय पर्व है।हम सबसे पहले महाशिवरात्रि के पावन अवसर अपने सभी सुधीपाठकों शिवभक्तों को शुभकामनाएं देते हैं और भगवान भोलेनाथ से सबकी झोली भरकर सदा खुश रखने की कामना करते हैं।भगवान भोलेनाथ सर्वमान्य देवों के देव महादेव हैं जिन्हें समाजवादी भी कहा जा सकता है क्योंकि भगवान भोलेनाथ को सभी देवता राक्षस हिन्दू मुस्लिम सभी मानते हैं। कहते भी हैं कि-"काबे में है तेरा जलवा काशी में नजारा है एक हिन्दू को प्यारा है एक मुस्लिम को प्यारा है"।भगवान भोलेनाथ से बड़ा कोई दूसरा औढरदानी नही है और उनसे बड़ा दूसरा कोई जल्दी खुश होने वाला नहीं है।जो उनकी पूजा तपस्या करता है उससे खुश होकर वरदान देते समय भोलेनाथ यह नहीं देखते हैं कि यह दानव है या फिर देवता या साधारण मानव है। उनकी झोली भक्तों के लिए हमेशा खुली रहती है और जरा सा खुश होने पर भोलेनाथ झोली उड़ेल कर भक्त को निहाल कर देते हैं।अकेले भोलेनाथ ऐसे देवाधिदेव महादेव हैं जो अपने भक्तों को दुखी नहीं देख पाते हैं और उसके दुख का निवारण कर देते हैं। भोलेनाथ की याद साल के बारहों महीने और तीसों दिन करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया जा सकता है।इसके बावजूद फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि के दिन जो उनके ऊपर भूल से भी वेलपत्र चढ़ा देता है भगवान उसका कल्याण करके आवागमन से मुक्ति दिला देते हैं।सभी जानते हैं कि भगवान भोलेनाथ महाशिवरात्रि के अवसर पर परेशान शिकारी वेल के पेड़ पर चढ़कर वेलपत्र तोड़कर नीचे फेंक रहा था और सौभाग्य से जहाँ वेलपत्र तोड़कर नीचे गिरा रहा था वहाँ पर बहुत पुरानी शिवलिंग स्थापित थी।अनजाने में महाशिवरात्रि के दिन वेलपत्र गिर जाने से खुश भोलेनाथ ने शिकारियों का कल्याण कर दिया।महाशिवरात्रि के पर्व पर भगवान भोलेनाथ माता पार्वती के साथ रातदिन जागृत प्रसन्नचित और भक्तों का भंडार भरने के लिए उतावले रहते हैं।आज दुनिया भर में भगवान भोलेनाथ की महाशिवरात्रि धूमधाम के साथ मनाई जा रही है और शिवलिंगों का गंगा समेत विभिन्न पावन नदियों के जल से जलाभिषेक रुद्राभिषेक कर रहें हैं।भगवान भोलेनाथ के भक्त कावँड कंधे पर लेकर सैकड़ों कोस की दूरी पैदल तय करके शिव मंदिरों शिवालयों में पहुंच कर बम बम भोले हर हर भोले बाबा के नारों से वातावरण गुंजायमान कर रहें है।हम भगवान भोलेनाथ के साथ उनके भक्तों को सादर नमन वंदन कर रहें हैं।धन्य हैं वह भक्त जो हर साल पैदल कांवड़ लेकर देश दुनिया के विभिन्न राज्यों से महाशिवरात्रि पर विभिन्न शिवलिंगों पर पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि पर सड़कों पर आस्था का सैलाब शिवभक्तों के रूप में उमड़ता है और जिस रास्ते से गुजरता है उससे वातावरण शिवमय हो जाता है।महाशिवरात्रि का पर्व भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने का विशेष मौका होता है।भगवान भोलेनाथ महाशिवरात्रि के दिन सिर्फ वेलपत्र बेर धतूरा भांग गोजई की बाली मात्र जल के साथ चढ़ाने मात्र से तपस्या करने के बराबर वरदान दे देते हैं।इसके हजारों उदाहरण हैं कि भगवान भोलेनाथ महाशिवरात्रि के दिन कितने दयालु होते हैं और बिन मांगे वरदान देते हैं।महाशिवरात्रि पर जब सैलाब उमड़ता है तो सड़कों पर ट्राफिक अपने जाम हो जाता है और इन मतवाले शिवभक्तों से पंगा लेना भी मधुमक्खी के छाते में गिट्टी फेंकने जैसा होता है। शिवभक्तों का जनून जलाभिषेक हो जाने के बाद समाप्त होकर मस्ती से झूमने लगता है और लगने लगता है कि होली का त्यौहार आ गया है। महाशिवरात्रि के अवसर पर क कवरथियों यानी कवड़ियो की सुरक्षा के लिए सरकार व्यापक बंदोबस्त जिस रोड से गुजरते हैं उस पर करती है।इसके बावजूद हर साल कुछ अप्रिय घटनाएं हो जाती हैं इन्हें टालने की व्यवस्था होनी चाहिए।

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