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जगह के साथ बदल रहा हेडमास्टर बनाने का नियम

जगह के साथ बदल रहा हेडमास्टर बनाने का नियम


जिले के सरकारी स्कूलों में प्रभारी हेडमास्टर बनाने के मामले में शिक्षक ही एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं। शुरुआत मध्य विद्यालय धैया से हुई है। यहां पर प्रभारी के निलंबित होने के बाद वर्ष 2015 में नियुक्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक चंद्रदेव राणा को वरीय बताते हुए प्रभारी बनाया गया है। स्कूल के वरीय शिक्षक राजकुमार वर्मा की दावेदारी को खत्म कर दिया गया। वर्ष 1994 में नियुक्त हुए शिक्षक अपने को सीनियर बता रहे हैं तो वर्ष 2015 में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक के पद पर नियुक्त शिक्षक अपने आप को सीनियर बता रहे हैं। स्कूलों में इन दिनों वरीय व कनीय शिक्षकों का विवाद गहराता जा रहा है। कई स्कूलों में हेडमास्टर के पद को लेकर इन दिनों विवाद चल रहा है।

शिक्षकों के बीच यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। शिक्षकों ने विभाग के स्थानीय अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जगह के साथ हेडमास्टर बनाने का नियम बदला जा रहा है। आरइओ के स्तर से एक जगह वर्ष 2015 के शिक्षक को प्रभारी बनाया गया है। वहीं झरिया के दो वरीय महिला शिक्षकों को प्रभार नहीं लेने के मामले में आरईओ ने शोकॉज कर दिया है। पत्र में लिखा गया है कि वरीय होने के कारण प्रभार नहीं लेना चाह रही हैं। इसे स्वेच्छाचारिता एवं ओदश की अवहेलना बताया जा रहा है। शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा भी कर दी। शिक्षकों का कहना है कि अगर विभाग वर्ष 2015 में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को सीनियर मान रहा है तो प्रभारी बना दे, अन्यथा विभाग को सामने आकर इस मामले में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। मामले में डीएसई विनीत कुमार का कहना है स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के प्रभारी हेडमास्टर पद पर दावा करने पर प्रभारी बनाया जा रहा है।

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