
रिम्स में अमन का दाखिला, अंशिका को मिलेगी डिग्री
मंगलवार, 24 अप्रैल 2018
रिम्स में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा अमन वर्मा फाइनल की परीक्षा पास कर चुका है। रिम्स में इंटर्नशिप कर रहा है। अगले साल मार्च में उसे एमबीबीएस की डिग्री मिल जाएगी। लेकिन एक छात्र के रूप में रिम्स में दाखिला लेने वाले अमन की डिग्री एक छात्रा की होगी। डिग्री पर अंशिका वर्मा का नाम होगा। कारण कि अमन ने लिंग परिवर्तन करा लिया है। वह खुद को अमन के रूप में असहज महसूस कर रहा था। अब वह अंशिका बन चुका है और खुश है। फिलहाल वह कानूनी प्रक्रिया पूरी कर रहा है। लिंग परिवर्तन के प्रमाण पत्र के आधार पर शपथपत्र से नाम भी परिवर्तित कर लिया है। फिलहाल वह हॉस्टल नंबर दो में रहता है। वह अब हरमू में परिवार के साथ रहेगा।
बकौल अंशिका उसने अमन के रूप में काफी परेशानी झेली। उसे लैंगिक पहचान की समस्या थी। इसे जेंडर डिस्फोरिया कहते हैं। कई बार तो आत्महत्या करने की इच्छा होती थी। हालांकि, परिवार का सहयोग मिला। मेडिकल की पढ़ाई में आगे बढ़ने के साथ बीमारी को लेकर उसका आत्मविश्वास बढ़ा। पहले उसने मनोचिकित्सक से इलाज कराया। बीमारी का एक मात्र उपचार है- लिंग परिवर्तन। जो उसने करा लिया है। वह इससे खुश है।
क्या है जेंडर डिस्फोरिया
रिम्स के मनोचिकित्सा विभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक प्रसाद कहते हैं कि जेंडर डिस्फोरिया में व्यक्ति को खुद की शारीरिक बनावट और मानसिक बनावट में अंतर दिखता है। ऐसे लोगों की स्त्री देह में पुरुष मन या पुरुष देह में स्त्री मन होता है। व्यक्ति अपने लिंग से परेशान होकर दूसरे लिंग में जाने की कोशिश करता है। यह जैविक या प्राकृतिक त्रुटि के अलावा हार्मोनल बदलाव का नतीजा है। ऐसा व्यक्ति अपना सेक्स बदलने के लिए सर्जरी करवा सकता है।