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देवघर नगर निगम में फंड की कमी, बढ़ी पार्षदों की टेंशन

देवघर नगर निगम में फंड की कमी, बढ़ी पार्षदों की टेंशन

देवघर नगर निगम में फंड की कमी, बढ़ी पार्षदों की टेंशन

अमृत मिश्रा की रिपोर्ट

देवघर नगर निगम में दो साल मे चुनाव है, लेकिन फंड की समस्या ने मौजूदा पार्षदों की टेंशन बढ़ा दी है. वित्तीय संकट से गुजर रहे देवघर नगर निगम में फंड के अभाव में पार्षद किसी भी नए काम की मंजूरी नहीं दे पा रहे हैं.

अगले दो साल है नगर निगम का चुनाव
अगले दो साल मे देवघर नगर निगम का चुनाव है और जनता के पास जाकर वोट मांगने का समय नजदीक आ रहा है. इसके साथ ही पार्षदों की टेंशन भी बढ़ती जा रही है क्योंकि विकास कार्यों की फाइलें पास कराना उनके लिए मुसीबत है.

नहीं मिल पा रहा पार्षदों को फंड
नगर निगम
से पार्षदों को एक फंड मिलता है, जिससे पार्षद अपने क्षेत्र में काम करवाते हैं. पार्षदों के लिए ये समस्या तीन सालों से है क्योंकि उन्हें उनका तय फंड नहीं मिल पा रहा है. हालांकि पार्षदों को पिछले साल 25-25 लाख रुपये मिले थे.

ऐसे में नई योजनाओं के लिए निगम के पास फंड की किल्लत है. अगले दो साल मे होने वाले नगर निगम चुनाव के चलते किसी पार्षद को अपने क्षेत्र में सामुदायिक भवन बनवाना है या फिर कुछ और, लेकिन फंड की कमी से कोई काम नहीं हो पा रहा है.

झारखंड सरकार पर पार्षदों का आरोप
देवघर नगर निगम का कहना है झरखंड सरकार नगर निगम को जरूरत के अनुसार पैसा नहीं दे रही है, जिसकी वजह से नए प्रोजेक्ट में समस्या आ रही है. वहीं कई पार्षद तो झारखंड सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि सरकार जानबूझकर निगमों को फंड नहीं देना चाहती है.फंड के बिना योजनाओं को मंजूरी नहीं
पार्षदों की समस्या ये है निगम की आर्थिक स्थिति से लोगों का कोई सरोकार नहीं है. उन्हें सिर्फ काम चाहिए. ऐसे में लोगों को समझाना मुश्किल हो रहा है. वहीं नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि जिन योजनाओं में फंड नहीं है, उन योजनाओं को मंजूरी नहीं दी जा सकती है.

फंड की कमी से जूझ रहे
नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक पार्षद दबाव जरूर डालते हैं और चाहते हैं कि कम से कम योजनाओं की शुरुआत कर दी जाए. निगम फंड की कमी से जूझ रहे है, जहां निगम के कर्मचारियों को वेतन देने की चुनौती बनी रहती है. वहीं झारखंड  सरकार देवघर नगर निगम पर आरोप लगाती है कि तय से ज्यादा पैसे देवघर नगर निगम को दिए जा चुके हैं.
पार्षद कन्हैया झा ने कहाँ कि हमारे वार्ड 22क्षेत्र मे अभी तक  70प्रतिशत काम हो चुका है अगर सिर्फ पार्षद रहता तो 10प्रतिशत काम नहीं होता काम जिला योजना समिति के सदस्य होने के नाते जिला योजना समिति से फंड लाना और अपने वार्ड का विकास करना और कुछ फंड विधायक जी से आग्रह कर अपने वार्ड मे फंड लेकर काम करवाना

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