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रिम्स में नहीं मिला लिफ्ट, गर्भस्थ शिशु के साथ महिला की मौत

रिम्स में नहीं मिला लिफ्ट, गर्भस्थ शिशु के साथ महिला की मौत

रिम्स में प्रबंधकीय लापरवाही का खामियाजा सोमवार को एक गर्भवती महिला के साथ-साथ उसके गर्भस्थ शिशु को जान देकर चुकानी पड़ी।

जानकारी के अनुसार रातू के काठीटांड़ हुरहुरिया निवासी कार्तिक उरांव की पत्नी 30 वर्षीय सुनीता देवी को प्रसव के लिए रिम्स लाया गया। रविवार को उसे रातू पीएचसी में भर्ती कराया गया था। लेकिन प्रसव की जटिलता को देखते हुए रातू से उसे रिम्स रेफर कर दिया गया। सोमवार सुबह 7:30 बजे सुनीता को रिम्स लाया गया। इमरजेंसी में उसे ट्रॉली से लेबर रूम ले जाया जा रहा था। ट्रॉलीमैन सुनीता को लेकर जब सीओटी स्थित लिफ्ट के पास पहुंचे तो वहां का एक लिफ्ट खराब था। दूसरे लिफ्ट से खाना पहुंचाया जा रहा था। कार्तिक ने बताया कि ट्रॉलीमैन ने लिफ्ट मैन से कई बार अनुरोध भी किया कि महिला की स्थिति गंभीर है, उसे पहले चौथे तल्ले पर स्थित लेबर रूम पहुंचा दिया जाए। लेकिन खाना पहुंचाने वालों ने ट्रॉलीमैन की बात नहीं सुनी। खाने की ट्रॉली लेकर लिफ्ट उपर नीचे करता रहा। लगभग 20 से 25 मिनट तक महिला लिफ्ट के इंतजार में नीचे मेडिसिन वार्ड के गलियारे में ही पड़ी रही। लेबर रूम पहुंचने के दौरान ही उसने दम तोड़ दिया।

प्रभारी निदेशक बोले, मामले की होगी जांच

रिम्स के प्रभारी निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव ने कहा, मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

खाने की ट्रॉली ले जाने के लिए बना हुआ है रास्ता: रिम्स में खाने की ट्रॉली लाने ले जाने के लिए डी वार्ड के बाहर स्लोप बना हुआ है। इसके माध्यम से चौथे तल्ले तक ट्रॉली लाने ले जाने की व्यवस्था है। पूर्व में इसी का उपयोग होता था। लेकिन जब से खाने की व्यवस्था की जिम्मेवारी आउटसोर्सिंग कंपनी को दी गई है। तब से खाने की दर्जनों ट्रॉलियां लिफ्ट के माध्यम से ही लाई जाती हैं। इसके कारण मरीजों को काफी समय तक लिफ्ट का इंतजार करना पड़ता है।

एमसीआई को कहा 10 लिफ्ट चालू

रिम्स प्रबंधन ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को दी गई जानकारी में बताया है कि रिम्स में 10 लिफ्ट मरीजों के उपयोग के लिए चालू हालत में है। जबकि, रिम्स में बमुश्किल एक से दो लिफ्ट ही मरीजों के लिए संचालित है। दो लिफ्ट डायरेक्टर चेंबर के बाहर कॉलेज के लिए, एक लिफ्ट सुप्रींटेंडेंट गलियारे के पास और दो लिफ्ट सीओटी के पास संचालित हैं। इसमें से सीओटी के पास वाला एक लिफ्ट खराब ही रहता है। बाकी के पांच लिफ्ट तो वर्षों से खराब पड़े हैं। ये अलग बात है कि इन लिफ्टों के संचालन खर्च के नाम पर खेल जरूर होता रहा है। मेडिसिन ए वार्ड के बाहर लगा लिफ्ट तो उदघाटन के बाद से चला ही नहीं, अब फिर उसे बदला जा रहा है।

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