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विद्यालय की जर्जर भवन में पढ़ने के लिए मजबूर बच्चे   जानजोखिम करके छत के नीचे पढ़ते छात्र

विद्यालय की जर्जर भवन में पढ़ने के लिए मजबूर बच्चे जानजोखिम करके छत के नीचे पढ़ते छात्र


विद्यालय की जर्जर भवन में पढ़ने के लिए मजबूर बच्चे   जानजोखिम करके छत के नीचे पढ़ते छात्र  ।

विजय कुमार शर्मा प,च,बिहार

बाल्मीकिनगर-बगहा दो के राजकीय मध्य विद्यालय बाल्मीकिनगर की है। यहाँ तो पर्याप्त शिक्षक है लेकिन छात्रों जिसके कमरों में बैठ कर बच्चे पठन पाठन कर अपने भविष्य संवार सके। रही बात संसाध्न की तो यह मात्र एक कोरी कल्पना शेष है। शनिवार को जब हमने उक्त विद्यालय का जायजा लिया तो स्थिति देखकर आश्चर्य चकित रह गया। विद्यालय के कार्यालय में प्रभारी प्रधनाध्यपक विश्व्नाथ प्रसाद रजिस्टरो में उलझे हुए हैं। विद्यालय रूम में जाकर देखा गया कि बच्चों अपने रूम में पढ़ते हुए भी खुले आसमान के नीचे बैठ कर पढ़ते हैं और देखा गया कि रूम के छत जर्जर हालत होने के साथ ही ना रूम में सही ढंग से खिड़की भी नहीं है और दरवाजे भी टूट कर लटक रहे हैं।
विद्यालय से सटे घने जंगल से भी कभी भी कोई जानवर भी आने का भय बना हुआ है और इस विद्यालय में चाहरदीवारी भी नहीं होने से बच्चे के ऊपर हर पल ख़तरा बना हुआ रहता है। प्रधनाध्यपक ने कहा कि हमलोग कई बार अधिकारी को लिख कर अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं किया गया है।
इस विद्यालय को लेकर विभाग कोई कदम नहीं उठाया गया तो जंगली जानवरों के साथ ही टूटे फूटे छप्पर कभी भी बच्चों के ऊपर गिर सकते है और अगर समय से चारहदीवारी का  निर्माण कार्य नही किया गया तो बच्चे के ऊपर कभी भी हमला कर सकता है।

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