
कोरोना की वजह से रुकी डेढ़ सौ वर्ष पूर्व की बलि प्रथा !
चौरीचौरा गोरखपुर:- चैत्र राम नवमी से पूर्व कोरोना वायरस की त्रासदी के चलते भीड़ को रोकने के लिए प्रशासन ने प्रसिद्ध तरकुलहा देवी मंदिर को बंद कर दिया गया जिससे न तो लोगो ने पूजा अर्चना किया और न ही वर्षो पुरानी परम्परा के तहत मनौती की बलि देंगे। मालुम हो की तरकुलहा में प्रत्येक नवमी को बलि देने की डेढ़ सौ वर्ष पुरानी परंपरा को भी कोरोना की त्रासदी ने तोड़ दी है । 1857 में क्रांतिकारी बाबू बंधु सिंह की शहादत से अस्तित्व में आया माता तरकुलहा देवी मंदिर पर मनौती के लिए बकरे की बलि देने की परंपरा रही है। राम नवमी को 75 से 100 श्रद्धालु बकरे की बलि देते है। बकरे के मांस को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते है। लेकिन इस बार कोरोना वायरस से तरकुलहा में बकरे की बलि नही दी गई। ऐसा पहली बार हुआ है कि तरकुलहा मंदिर को बन्द किया गया। सिर्फ पुजारी भोर में मंदिर की सफाई और आरती पूजा करके घर लौट जा रहे है।
0 Response to "कोरोना की वजह से रुकी डेढ़ सौ वर्ष पूर्व की बलि प्रथा !"
एक टिप्पणी भेजें