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गिरिडीह : हत्या के प्रतिशोध में हिंसक भीड़ ने युवक की हत्या की, चार घर में लगा दी आग, पुलिस ने आठ की बचाई जान

गिरिडीह : हत्या के प्रतिशोध में हिंसक भीड़ ने युवक की हत्या की, चार घर में लगा दी आग, पुलिस ने आठ की बचाई जान

गिरिडीह के पीरटांड़ की बिशनपुर पंचायत के पिपराडीह में शनिवार की सुबह छह बजे सैकड़ों ग्रामीणों ने कथित हत्या के प्रतिशोध में नामजद हत्यारोपियों के घरों को घेरकर ढाई घंटे तक जमकर उत्पात मचाया। पुलिस की मौजूदगी में चार घर में आग लगाकर ग्रामीणों ने एक युवक पर तीर की बौछार और फरसे से हमला कर हत्या कर दी। ग्रामीण इतने उग्र थे कि उसे तितर-बितर करने और अन्य लोगों की जान बचाने के लिए पुलिस को 10 राउंड फायरिंग करनी पड़ी। तब उग्र भीड़ शांत हुई। उग्र भीड़ में पुरुष, महिलाएं व बच्चे-किशोर शामिल थे। वे लोग तीर-धनुष और पारंपरिक हथियारों से लैस थे। घटना के बाद गांव को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। पुलिस ने सभी पीड़ित व हत्यारोपी के परिवारों को पंचायत भवन शिफ्ट कर दिया गया है। डीसी राहुल कुमार सिन्हा, एसपी सुरेंद्र कुमार झा व एएसपी अभियान दीपक कुमार आदि ने भी मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया और पुलिस को आवश्यक निर्देश दिए।
हत्या के बदले के लिए हिंसक हुई भीड़  : 
बताया जाता है कि चार जून को पिपराडीह के हीरालाल किस्कू का शव गांव के बगल के नाले से बरामद हुआ था। परिजनों ने गांव के सुरेश मरांडी, मोतीलाल मरांडी, करमा मरांडी, कोलेश्वर मरांडी, गणेश मरांडी, बिहारी मरांडी, राजू मरांडी व उमेश मरांडी पर हत्या का आरोप लगाकर पीरटांड़ थाने में मामला दर्ज कराया था। इस कांड के नौ दिन हुए ही थे कि शनिवार की सुबह 400 से 500 की संख्या में हथियारों से लैस होकर ग्रामीणों ने आरोपियों के परिवार व घरों को घेर लिया। कुछ लोगों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को सूचना दी। बताया गया कि कुछ हमलावर राजू मरांडी व बिहारी मरांडी के हाथ बांधकर जंगल की ओर ले गए। वहीं कोलेश्वर मरांडी व छोटू मरांडी को घर के अंदर ही बंद कर बाहर केरोसिन छिड़कर कर आग के हवाले कर दिया। मौके पर पुलिस पहुंच गई, जिस कारण चारों को बचा लिया गया। हालांकि चारों घर जलकर बर्बाद हो गए। इस दौरान उग्र भीड़ की ओर से तीर चलाई जाने लगी, जिससे मौके पर 25 वर्षीय सुरेश मरांडी की मौत हो गई। उग्र भीड़ द्वारा कतिपय लोगों के साथ मारपीट भी शुरू कर दी गई। उग्र भीड़ को हिंसक होता देख उसे नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को दस चक्र हवाई फायरिंग करनी पड़ी। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस ने पीड़ित परिवार को पंचायत भवन शिफ्ट करा दिया है। 
घटना के बाद पूरे गांव को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। फायर ब्रिगेड की मदद से घरों में लगाई गई आग बुझाई गई है। डीसी व एसपी ने गांव पहुंचकर घटना की जानकारी ली। इस बाबत डीसी ने बताया कि प्रतिशोध में ग्रामीणों ने घटना को अंजाम दिया है। पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद की जाएगी। पीड़ित परिवार को अन्यत्र शिफ्ट कराया जा रहा है। पूरे मामले को प्रशासन देख रहा है। वहीं एसपी ने बताया कि उग्र ग्रामीणों ने पुरानी रंजिश में घटना को अंजाम दिया है। पुलिस की तत्परता के कारण आठ लोगों को बचा लिया गया है। तीर लगने से सुरेश मरांडी की मौत हो गई है। पुलिस द्वारा गांव में फ्लैग मार्च किया जा रहा है। स्थिति नियंत्रण में है। पूरे मामले में केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हिंसक झड़प के बाद पिपराटांड़ खाली, छावनी में तब्दील  : गिरिडीह के पीरटांड़ की बिशनपुर पंचायत के पिपराटांड़ में शनिवार की सुबह छह बजे हिंसक झड़प के बाद गांव में सन्नाटा पसरा है। ग्रामीणों ने कथित हत्या के प्रतिशोध में नामजद हत्यारोपियों के घरों को घेरकर ढाई घंटे तक जमकर उत्पात मचाया। पीरटांड़ थाना क्षेत्र की बिशनपुर पंचायत के पिपराटांड़ गांव में एहतियात के तौर पर सीआरपीएफ और सेट की दो कंपनी फोर्स तैनात है। गांव में सुरेश मरांडी की हत्या और चार घरों में आग लगाने के बाद सन्नाटा पसरा हुआ है। इस संबंध में पीरटांड़ थाना प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि पूरे मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। पिपराटांड़ गांव प्रखंड मुख्यालय से 20 किमी और जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर है। घटना शनिवार की सुबह छह बजे शुरू हुई और उग्र ग्रामीणों ने ढाई घंटे तक मोतीलाल मरांडी व उनके रिश्तेदारों के घरों को घेरकर हमला करते रहे। 400 से 500 की संख्या में हथियारों से लैस होकर ग्रामीणों ने आरोपियों के परिवार व घरों को घेर लिया। तीर लगने से सुरेश मरांडी की मौत हो गई है। भीड़ को हिंसक होता देख उसे नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को दस चक्र हवाई फायरिंग करनी पड़ी। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस ने पीड़ित परिवार को पंचायत भवन शिफ्ट करा दिया है। कुछ लोगों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को सूचना दी। कहते हैं कि ग्रामीण काफी उग्र और हिंसक थे। यही कारण है कि पुलिस के पहुंचने के बाद भी उग्र भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। घटना के बाद पूरे गांव को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। सूचना मिलते ही डीसी राहुल कुमार सिन्हा और एसपी सुरेंद्र कुमार झा साढ़े नौ बजे पिपराटांड़ गांव पहुंचे और पुलिस अफसरों को घटना को लेकर आवश्यक निर्देश दिए। वे लोग लगभग साढ़े सात घंटे गांव में रहे और स्थिति पर नजर रखते रहे। मारे गए सुरेश मरांडी के घरों की महिलाओं को पुलिस प्रशासन ने बिशनपुर पंचायत सचिवालय में शिफ्ट करा दिया है। ग्रामीणों के हमले से बचाए गए लोगों को थाने में लाकर रखा गया है। पुलिस इस बात से डरी हुई है कि घटना के बाद फिर ग्रामीण उग्र होकर कुछ और वारदात न कर दें। यह भी आशंका है कि मारा गया सुरेश का कनेक्शन उग्रवादी संगठन से रहा है, इसलिए कहीं उग्रवादियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं कर दी जाए। समझा जाता है कि इसके लिए बड़ी संख्या में गांव में पुलिस जवानों को तैनात किया गया है। थाना प्रभारी अशोक कुमार ने कहा कि एफआईआर के बाद पुलिस कार्रवाई शुरू होगी।  पुलिस द्वारा गांव में फ्लैग मार्च किया जा रहा है। स्थिति नियंत्रण में है। 
ग्रामीणों को आशंका कि सुरेश ने गांव के छह की हत्या की बनाई थी योजना : पिपराटांड़ में हिंसक वारदात के बाद ग्रामीणों में दहशत है। कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार पीरटांड़ थाना क्षेत्र के पिपराटांड़ के नक्सली सुरेश मरांडी ने गांव के अन्य छह लोगों की हत्या की योजना बनायी थी। हीरालाल किस्कू की हत्या के मामले में सुरेश मरांडी समेत सात लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। इसको लेकर सुरेश लगातार हत्या करने की धमकी दे रहा था। इतना ही नहीं सुरेश दो ग्रामीणों के घरों में पहले घुस चुका था। हालांकि ग्रामीणों के जग जाने के कारण वह भाग निकला था। ग्रामीणों को यह जानकारी मिल गई थी कि सुरेश ने जिन लोगों को हत्या करने के लिए चिह्नित किया है, उनकी वह कभी भी हत्या कर सकता है। यही वजह रही कि ग्रामीणों ने सुरेश को मारने की ठान ली। इस बीच शुक्रवार रात ग्रामीणों को जानकारी मिली कि सुरेश मरांडी हैं। इसके बाद सैकड़ों की संख्या ग्रामीणों ने शनिवार सुबह पारंपरिक हथियारों से लैस होकर सुरेश मरांडी, कालीराम मरांडी समेत उनके सात भाई-भतीजों के घरों को घेर लिया और आग लगा दी। इस दौरान भागने की कोशिश कर रहे सुरेश को तीर मार व धारदार हथियार से हमला कर मार डाला गया। नक्सली कांड में शामिल था मारा गया सुरेश मरांडी: पीरटांड़ के पिपराटांड़ के ग्रामीणों द्वारा मारा गया सुरेश मरांडी नक्सली था। ठेकेदार निरंजन सिंह की हत्या में वह शामिल रहा है। लेवी नहीं देने को लेकर निरंजन की हत्या की गई थी। सुरेश अप्राथमिकी अभियुक्त है। पुलिस लंबे समय से निरंजन हत्याकांड में सुरेश मरांडी की तलाश कर रही थी। मरांडी कुख्यात नक्सली अजय महतो का करीबी माना जाता था। अदालत से सुरेश मरांडी के विरुद्ध निरंजन हत्याकांड में इश्तेहार जारी है। मुफस्सिल थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है। उल्लेखनीय रहे कि 30 अप्रैल 2017 को पीरटांड़ के खेताडाबर निवासी निरंजन सिंह की हत्या हुई थी। इस संबंध में मुफस्सिल थाने में मामला दर्ज किया गया था। बताया जाता है कि निरंजन सिंह ने तालाब का ठेका लिया था। ठेकेदारी को लेकर नक्सली संगठन ने उससे लेवी की मांग की थी। लेवी नहीं देने पर निरंजन की हत्या की योजना बनायी गई और 30 अप्रैल को खेताडाबर से गिरिडीह लौटने के क्रम में नक्सलियों ने निरंजन की हत्या गला रेतकर कर दी थी। हत्या से पहले निरंजन की पिटाई भी की गई थी। इसका खुलासा इस हत्याकांड में पूर्व में पुलिस द्वारा गिरफ्तार नक्सली खुखरा  के तिलैया गांव के लाहाबारी निवासी दिलीप सोरेन ने अपने बयान में किया था। उसने बताया था कि वह नक्सली कमांडर सुरेश मरांडी के दस्ते का सक्रिय सदस्य है। दिलीप ने अपने बयान में बताया था कि निरंजन की हत्या के बाद शव के पास छोड़े गए पोस्टर को निरंजन के परिजनों ने पुलिस से छिपा लिया था। 

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