
कोरोना के डर से युवक को गांववालों ने नहीं दिया कंधा, भाई ने ठेले पर ढोया शव
रविवार, 14 जून 2020
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झारखंड के रामगढ़ जिले में कोरोना के डर से लोगों ने एक मृत प्रवासी मजदूर को कंधा देने से इनकार कर दिया। निराश होकर युवक के भाई ने अपने दो रिश्तेदारों के साथ शव को ठेले पर रखकर श्मशान घाट पहुंचाया।
होम कोरंटाइन में की थी आत्महत्या
गोला प्रखंड स्थित नावाडीह गांव का जितेंद्र साहू लॉकडाउन में परदेस से लौटा था। इस कारण उसे होम कोरंटाइन किया गया था। शुक्रवार को उसने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद उसका बड़ा भाई उमेश्वर शव लेकर जब गांव पहुंचा तो उस समय काफी रात हो चुकी थी। शनिवार को सुबह दस बजे तक उमेश्वर ने भाई को कंधा देने के लिए गांव के लोगों का इंतजार किया लेकिन शव देखने भी कोई नहीं पहुंचा।
गोला प्रखंड स्थित नावाडीह गांव का जितेंद्र साहू लॉकडाउन में परदेस से लौटा था। इस कारण उसे होम कोरंटाइन किया गया था। शुक्रवार को उसने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद उसका बड़ा भाई उमेश्वर शव लेकर जब गांव पहुंचा तो उस समय काफी रात हो चुकी थी। शनिवार को सुबह दस बजे तक उमेश्वर ने भाई को कंधा देने के लिए गांव के लोगों का इंतजार किया लेकिन शव देखने भी कोई नहीं पहुंचा।
उमेश्वर ने बताया कि वह अर्थी उठाने के लिए लोगों को पैसे देने को भी तैयार था। इसके बाद भी अंतिम संस्कार में शामिल होने कोई नहीं आया। लोगों को यह डर था कि प्रवासी मजदूर की अर्थी को कंधा देने से उन्हें कोरोना की बीमारी हो सकती है। काफी अनुनय-विनय के बाद भी जब बस्ती में कंधा देने वालों का इंतजाम नहीं हुआ तो अंत में उमेश्वर के ननिहाल से उसके दो मामा आए। इसके बाद तीनों ने मिलकर एक ठेले पर शव लादा और उसे श्मशान घाट ले गए। वहां उन्होंने शव को जलाने की जगह जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफना दिया। बीडीओ कुलदीप कुमार ने बताया कि युवक में कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं मिलने पर ही पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सुपुर्द किया गया
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