
जिले के 52 वन ग्राम बनेंगें राजस्व गांव
रविवार, 18 दिसंबर 2022
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जिला स्तरीय समिति की बैठक में किया गया अनुमोदन
जिले के 52 वन ग्राम बनेंगें राजस्व गांव
बालाघाट. मप्र शासन जनजातीय कार्य विभाग के निर्देशों के अनुरुप जिले में वनग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने की प्रक्रिया की जा रही है। 16 दिसम्बर को कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति की बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने संबंधी प्रस्ताओं व पात्रता पर चर्चा की गई। इस दौरान 52 ग्रामों की सूची का अनुमोदन किया गया। बैठक में वन मंडलाधिकारी अभिनव पल्लव, ग्रजेश वरकड़े, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग राहुल नायक, समिति के अशासकीय सदस्य टामेश्वर पटले, महेश मरकाम उपस्थित थे। बैठक में सभी एसडीएम, वन विभाग के एसडीओ व रेंज ऑफिसर वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से ऑनलाइन जुड़े थे।
बैठक में वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने संबंधी प्रस्ताओं पर चर्चा के उपरांत उत्तर वन मंडल के वन ग्राम टिकरिया, सांवरझोड़ी, सुमेरीखेड़ी, जल्दीडांड, कुकड़ा, कौन्दुल, टाटीघाट, आरामटोला, जामुन झिरिया, दक्षिण वन मंडल के वन ग्राम कुर्थीटोला, पालागोंदी, माटे, सर्रा, बोदालझोला, धीरी, गुलपुर, बंजरटोला, बोदालदलखा, नवेगांव, चिखलाबड्डी, सोनेवानी, कछार, कोकमा, पोलबत्तुर, खारा, सल्फारीठ, तल्लबोड़ी, लौगुर, वरुडग़ोटा, लामता परियोजना के वन ग्राम मैरा, कोटा, बारिया, बफर जोन के वन ग्राम बिलाईखार, जैतपुरी, डोंगरिया, समरिया, जराहटोला, मोहरई, आरमी, सरईपतेरा, पटपरा, घुईटोला, हतवन, बंधनखेरो, टोपला, जुवाड़ीटोला, धीरी, मुरेंडा, घुरसीबेहरा, सेमरखेरो, खिरसाड़ी व बाजघुन्दी को राजस्व ग्राम घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। इन वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने का प्रस्ताव राज्य शासन को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में वनग्राम विकास से अछूते हैं। ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण समस्या बनी हुई है। अब ये वनग्राम राजस्व ग्राम बनने से इनके विकास की राह आसान हो जाएगी।
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