
धान खरीदी केन्द्रों में महिलाएं करती हैं हम्माली का काम
रविवार, 18 दिसंबर 2022
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आदर्श ठाकरे, ब्यूरो चीफ
दो धान खरीदी केन्द्रों में महिलाएं करती हैं हम्माली का काम
धान की तौल करने से लेकर भंडारण तक का कार्य करती हैं महिलाएं
महिला हम्मालों ने की रोजी बढ़ाए जाने की मांग
मेहनत समान, मेहनताना पुरुषों से काफी कम
बालाघाट.
साहब! हम पुरुषों के बराबर मेहनत करते हैं। किसानों की धान को बोरों में भरने से लेकर उसका तौल और भंडारण करने का कार्य करते हैं। लेकिन हमें मजदूरी काफी कम मिलती हैं। दिनभर काम करने पर महज 50 से 100 रुपए की ही रोजी बन पाती हैं। यह दर्द मेहनतकश महिला हम्माल राजकुमारी सिंघनधुपे का है। इसी तरह अन्य महिला हम्मालों ने भी अपनी दर्द भरी दास्तां सुनाई। मामला जिले के लालबर्रा ब्लॉक कृषि उपज मंडी बकोड़ा में धान खरीदी केन्द्र मिरेगांव व लालबर्रा का है।
जानकारी के अनुसार धान खरीदी केन्द्र मिरेगांव व लालबर्रा में पुरुषों के साथ-साथ महिला हम्माल भी कार्य करती हैं। दोनों ही केन्द्र में करीब 31 महिला हम्मालों का समूह हैं। एक समूह में करीब 16 महिलाएं शामिल हैं। महिला हम्माल रोजाना सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक केन्द्र में आने वाले किसानों की धान की तौल करना और उसका अलग स्थान पर भंडारण करने का कार्य करते हैं। लेकिन मेहनत के हिसाब से महिलाओं को उनका मेहनताना नहीं मिल पाता है।
2 रुपए प्रति क्विंटल की दर से होता है भुगतान
महिला हम्माल सीमा नागेश्वर, यशोदी बरले, कमला बाई सिंघनधुपे, आरती रंगारे, ज्योति उइके, राजकुमारी सिंघनधुपे सहित अन्य ने बताया कि धान खरीदी केन्द्र से एक क्विंटल धान की तौल से लेकर भंडारण तक के लिए 7 रुपए का भुगतान करती है। यह भुगतान पुरुष हम्मालों को प्रदान किया जाता है। जिसमें से महिला हम्मालों को दो रुपए प्रदान किया जाता है। शेष राशि पुरुष हम्माल रखते हैं। उन्होंने मांग की है कि उनकी रोजी को बढ़ाया जाए। ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आ सकें।
चार वर्षों से एक समान राशि
महिला हम्मालों का कहना है कि वे धान खरीदी केन्द्र में पिछले चार वर्षों हम्माली का कार्य कर रही हैं। उन्हें इन चार वर्षों में एक समान ही राशि मिल रही है। अभी तक राशि में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। कृषि उपज मंडी बकोड़ा में बनाए खरीदी केन्द्र में वे पहली बार ही हम्माली कर रही हैं। इसके पूर्व उन्होंने दूसरे धान खरीदी केन्द्र में हम्माली का कार्य कर चुके हैं। पूर्व में किए गए केन्द्रों में भी इसी तरह से मजदूरी का भुगतान किया जाता था।
इनका कहना है
हम पुरुषों के बराबर मेहनत का कार्य करते हैं। हमे हमारी मेहनत के अनुसार मेहनताना नहीं मिल पाता हैं। रोजाना करीब 50 से 100 रुपए ही रोजी बन पाती हैं। शासन को हमारी रोजी बढ़ाना चाहिए।
-राजकुमारी सिंघनधुपे, महिला हम्माल, बकोड़ा
बकोड़ा मंडी में महिला हम्मालों के दो समूह कार्य करते हैं। एक समूह में करीब 16 महिलाएं शामिल हैं। दूसरे स्थानों पर रोजगार नहीं मिलता है, इस कारण हम्माली का कार्य करते हैं।
-ज्योति उइके, महिला हम्माल, बकोड़ा
हमारे द्वारा पिछले चार वर्षों से हम्माली का कार्य किया जा रहा है। बकोड़ा केन्द्र में पहली बार कार्य कर रहे हैं। पिछले चार वर्षों से हमे दो रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जा रहा है।
-आरती रंगारे, महिला हम्माल, बकोड़ा
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