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सोनेवानी अभ्यारण के प्रस्ताव का विरोध:सड़क पर उतर कर ग्रामीणों ने कहा- जल-जंगल और जमीन को लेकर चिंतित, बाघों के हो रहे लगातार हमले

सोनेवानी अभ्यारण के प्रस्ताव का विरोध:सड़क पर उतर कर ग्रामीणों ने कहा- जल-जंगल और जमीन को लेकर चिंतित, बाघों के हो रहे लगातार हमले

आदर्श ठाकरे, ब्यूरो चीफ

जिले के लालबर्रा जनपद पंचायत क्षेत्र में सोनेवाणी अभ्यारण के जारी प्रस्ताव के विरोध में क्षेत्र की जनता सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रही है। आज लालबर्रा क्षेत्र की करीब 1 दर्जन से अधिक पंचायतों के सैकड़ों ग्रामीणों ने मुख्यालय पहुंचकर वन विभाग, जिला पंचायत अध्यक्ष और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। 
उन्होंने सोनेवानी अभ्यारण के प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग की है। उनका कहना है कि सोनेवानी अभ्यारण बन जाने से रोजगार सहित मूलभूत सुविधाओं से ग्रामीणों को वंचित होना पड़ेगा जिसका विरोध ग्रामीण कर रहे हैं।

शासन ने बालाघाट जिले के वारासिवनी, लालबर्रा और कटंगी ब्लॉक सहित सिवनी के बरघाट के कुछ हिस्से को मिलाकर सोने वाली वन्य अभ्यारण प्रस्तावित किया है।
 छोटा वन्य क्षेत्र होने और जैव विविधता की कमी के कारण इस इलाके में बाघों के लिए शिकार की भारी कमी है।
 ऐसे में बड़ी संख्या में इस प्रस्तावित अभ्यारण के आस-पास के गांव में बाघ मवेशियों का शिकार और बालाघाट के वारासिवनी और सिवनी के बरघाट में दो लोगों का शिकार भी किया है। एक तरफ जहां ग्रामीण अपने जल जंगल और जमीन को लेकर चिंतित हैं, वहीं उन्हें बाघों के लगातार हो रहे हमले को लेकर भी चिंताएं है।

इसके विरोध में बड़ी संख्या में आदिवासी इस प्रस्तावित अभ्यारण का विरोध करने जिला मुख्यालय पहुंचे। 
ग्रामीणों के साथ-साथ क्षेत्रीय विधायक गौरीशंकर बिसेन ने भी इस अभ्यारण बनाए जाने के फैसले का खुल कर विरोध किया था। आज ग्रामीणों की मांग के समर्थन में जिला पंचायत अध्यक्ष सम्राट सिंह सरस्वार सामने आए हैं।


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