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सरहुल से पहले तीन दिन लगातार रविवार को भी विद्युत विभाग की छापामारी 
कहावत है,अंधेरी नगरी चौपट राजा, यही हाल झारखण्ड बिजली वितरण निगम लिमिटेड का है

सरहुल से पहले तीन दिन लगातार रविवार को भी विद्युत विभाग की छापामारी कहावत है,अंधेरी नगरी चौपट राजा, यही हाल झारखण्ड बिजली वितरण निगम लिमिटेड का है

रवि फिलिप्स  (ब्यूरो चीफ )  भानुमित्र न्यूज़

कहावत है, अंधेरी नगरी चौपट राजा, यही हाल झारखण्ड बिजली वितरण निगम लिमिटेड का है छुट्टी के दिन कार्यालय खुलवाना, छुट्टी के दिन मीटिंग लेना और अब छुट्टी के दिन रेड,ये निगम के अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रताड़ित के जैसा है,बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आधी से भी कम मैनपावर में राजस्व और लाइन मेंटेन कर के रखे है बिजली विभाग आकस्मिक सेवा में आती है विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सातों दिन और चौबीस घंटे विद्युत आपूर्ति के लिए तत्पर रहते है और सेवा देते है उसके बाद भी छुट्टी के दिन में ऑफिस, मीटिंग और रेड समझ से परे हैं ये बिजली विभाग के मैनेजमेंट के हिटलर रवैया के जैसा है बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के अंदर धीरे धीरे आग सुलग रही है जो कभी भी भड़क सकती है और जिसका खामियाजा मैनेजमेंट को भुगतना पड़ सकता हैl 

वर्तमान में जितने भी लोगो का बकाया पर लाइन काट रही है और बिजली चोरी की  केस दर्ज की जा रही है उसमे ज्यादातर एसटी, एससी और ओबीसी के लोग है लाइन कटने और चोरी का केस होने से एसटी, एससी और ओबीसी के लोगो में वर्तमान सरकार के ऊपर काफी नाराजगी है लोग वर्तमान को वोट देकर ठगा महसूस कर रहे है और विपक्षी इस मुद्दे पर हावी है लाइन कटने और केस होने से आदिवासियों का विकाश नही हो पा रहा है आदिवासियों की स्तिथि और भी बदतर होती जा रही है अगर यही स्तिथि बनी रही तो वर्तमान सरकार को आगे वोट मांगने के लिए सोचना पड़ सकता है


वही अब

 झारखंड विद्युत विभाग के कारवाई को इन दिनों देख कर  आदिवासी विरोधी देखा जा रहा  है  झारखंड में सरहुल पूजा से महज कुछ दिन पहले  आदिवासी बहुल इलाकों में लगातार तीन दिनों तक विद्युत विभाग की छापामारी लोग सरहुल पूजा की तैयारी जोर शोर से कर रहे है और वही बिजली विभाग उन लोगों की लाइन काट रही है केस दर्ज कर रही है इससे आदिवासी लोगो में वर्तमान सरकार के ऊपर काफी आक्रोश है  बिजली विभाग आदिवासियों के उपर भेदभाव की नीति अपना रही है आदिवासी नेताओं ने बताया की होली, छठ, दशहरा त्योहार से पहले विद्युत विभाग की छापामारी नही होती है और आदिवासियों के त्योहार से पहले तीन- तीन दिन छापामारी, ये विभाग की गलत नीति है आदिवासियों के उपर हो रहे प्रताड़ना को अगर बंद नहीं किया गया तो लोग सड़क में उतर कर विरोध प्रदर्शन  करने का सोच रहे हो

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