अमित शाह के पुतले का दहन: बाबा साहेब अंबेडकर के अपमानजनक बयान पर विवाद
शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024
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सिंदरी: दिनांक 20 दिसंबर को, सूर्य देव चौक पर स्थानीय संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुतला दहन किया। यह विरोध प्रदर्शन बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के प्रति कथित अपमानजनक बयान के चलते किया गया। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक हलचल पैदा कर दी है।
विरोध प्रदर्शन में विभिन्न दलों और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने अमित शाह पर आरोप लगाया कि उनके बयान से न केवल बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान हुआ है, बल्कि यह भारतीय संविधान और इसके मूल्यों पर भी प्रहार है।
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और सरकार से मांग की कि अमित शाह अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। प्रदर्शनकारियों ने संविधान के प्रति अपनी निष्ठा और बाबा साहेब के योगदान का समर्थन करते हुए तख्तियां और बैनर लेकर विरोध दर्ज कराया।
बाबा साहेब अंबेडकर भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले अग्रणी नेता थे। उनके प्रति किसी भी प्रकार के अपमानजनक बयान को समाज के एक बड़े वर्ग द्वारा अस्वीकार्य माना जाता है। अमित शाह द्वारा दिया गया कथित बयान, जो विवाद का कारण बना, ने समाज के कई हिस्सों में आक्रोश पैदा कर दिया है।
घटना के बाद, विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएँ दीं। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि इस तरह के बयान देश के संविधान और लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ हैं। वहीं, भाजपा के प्रवक्ताओं ने इस बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया और स्पष्ट किया कि अमित शाह का ऐसा कोई इरादा नहीं था।
इस घटना ने सामाजिक और राजनीतिक बहस को जन्म दिया है। यह केवल एक राजनीतिक विवाद नहीं है, बल्कि संविधान और सामाजिक न्याय के प्रति लोगों की गहरी आस्था का प्रतीक भी है।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अमित शाह इस विषय पर कोई प्रतिक्रिया देंगे या नहीं। हालांकि, इस मुद्दे ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि भारत में बाबा साहेब अंबेडकर का नाम और उनके विचार कितने प्रासंगिक हैं।
इस विरोध प्रदर्शन ने यह साफ कर दिया है कि भारतीय समाज के सभी वर्ग अपने संवैधानिक अधिकारों और मूल्यों के प्रति बेहद सजग हैं। अमित शाह का कथित बयान और उसके बाद हुआ यह विरोध आने वाले समय में राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से गहरा प्रभाव डाल सकता है। कार्यक्रम में दलित शोषण मुक्ति मंच के जिला अध्यक्ष रामवृक्ष धारी अंबेडकर विचार मंच के बुधन राम काउंसिल के भोला पासवान सुभाष बाउड़ी, रामप्रसाद राजेश पासवान शिबू राय नरेंद्र नाथ दास गौतम प्रसाद राज नारायण तिवारी राम लायक राम बालवीर जटिया सतीश पासवान जीसी मांझी सहदेव पासवान त्रिभुवन चौधरी लालमोहन पासवान मुख्य रूप से उपस्थित थे ..
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