विश्व जनसंख्या दिवस पर जी.एम.महाविद्यालय, इचाक में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
शुक्रवार, 11 जुलाई 2025
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भानुमित्र संवाददाता।
हज़ारीबाग विश्व जनसंख्या दिवस हर वर्ष 11 जुलाई को मनाया जाने वाला कार्यक्रम है ।इसका उद्देश्य जनसंख्या संबंधित समस्याओं पर वैश्विक चेतना जागृत करना है ।यह आयोजन 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल द्वारा स्थापित किया गया था। विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य विभिन्न जनसंख्या मुद्दों पर लोगों में जागरूकता बढ़ाना है जैसे कि परिवार नियोजन, लिंग समानता, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य ,और मानव अधिकारों का महत्व। इस निबंध प्रतियोगिता में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रतियोगिता के दौरान तीन छात्रों को चयनित किया गया जिन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया, जिनमें से प्रमुख हैं, निबंध प्रतियोगिता के समाप्त होने पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्राचार्य शंभू कुमार ने कहा कि दुनिया की आबादी को एक अरब तक पहुंचने में लाखों साल लगे थे, फिर लगभग 200 सालों में यह 7 गुना बढ़ गए, 2011 में वैश्विक जनसंख्या 7 अरब के आंकड़े तक पहुंच गई जबकि 2021 में यह लगभग 7.9 अरब है और 2030 में इसके लगभग 8.5 अरब, 2050 में 9.7 अरब और 2100 में 10.9 अब तक बढ़ने की उम्मीद है। यदि इस बढ़ती हुई जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं लाया गया तो भारत जैसे विकासशील देशों के लिए यह काफी चिंतनीय और विचारणीय बात है। हम सभी को इस पर मिलकर काम करना होगा और अधिक से अधिक जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रमों को अपनाकर और अपनाने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाविद्यालय प्रभारी पंकज कुमार ने कहा कि यह विश्व जनसंख्या दिवस इसलिए मनाया जाता है ताकि लोग बढ़ती जनसंख्या के प्रभावों को समझें और समाधान के लिए जागरूक बने। तेजी से बढ़ती आबादी हमारे संसाधनों, पर्यावरण और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है। भोजन, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य इन सभी क्षेत्रों पर जनसंख्या का असर पड़ता है। अतः लोगों में जागरूकता का होना अति आवश्यक है। शिक्षकों ने बारी बारी से संबोधित करते हुए कहा कि हमें शिक्षा, परिवार नियोजन और महिलाओं के अधिकारों पर जोर देना चाहिए ताकि हम एक संतुलित और सुंदर समाज का निर्माण कर सके। बढ़ती जनसंख्या के कारण संसाधनों की कमी ,बेरोजगारी और पर्यावरण संकट जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं ।हम सभी को मिलकर जागरूकता फैलानी चाहिए कि छोटा परिवार सुखी परिवार सिर्फ एक नारा नहीं, एक जरूरत है ।युवाओं को सही जानकारी और स्वास्थ्य सेवाएं मिले तभी वह सही निर्णय ले सकेंगे। यदि आज हम सजग नहीं हुए तो कल का भविष्य और भी चुनौती पूर्ण हो सकता है ।तो चलिए हम सब मिलकर इस विषय पर गंभीरता से सोचें और समाज को जागरूक बनाएं। कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय के शिक्षक रत्नेश कुमार राणा ,अजीत हंसदा, संजीत कुमार यादव ,रवि कुमार महतो, ज्योति बाला एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों में विनोद कुमार, कृष्ण कुमार ,राजकुमार ,प्रिया कुमारी ,सुनीता टोप्पो आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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