
सख्त टिप्पणीः वकील टीवी डिबेट में अदालतों के निर्णयों की आलोचना कर रहे हैं- सुप्रीम कोर्ट
गुरुवार, 10 मई 2018
वकीलों की तरफ से जजों और उनके निर्णयों को निशाना बनाए जाने का ट्रेंड शुरू हो गया है, जो आखिर में संस्थान (कोर्ट सिस्टम) के खात्मे की तरफ जाएगा। ये टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बुधवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान की।
जस्टिस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की पीठ ने केरल मेडिकल कॉलेज के मामले की सुनवाई के दौरान विवेचनात्मक अंदाज में कहा कि वकील टीवी डिबेट में अदालतों के निर्णयों की आलोचना कर रहे हैं।
जस्टिस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की पीठ ने केरल मेडिकल कॉलेज के मामले की सुनवाई के दौरान विवेचनात्मक अंदाज में कहा कि वकील टीवी डिबेट में अदालतों के निर्णयों की आलोचना कर रहे हैं।
जस्टिस मिश्रा ने कहा, इस कोर्ट में कौन बचेगा? हर जज निशाने पर है। आप एक तीर से सभी को खत्म कर देना चाहते हैं। आप जैसे लोग इस संस्थान को नष्ट कर रहे हैं। यदि ये संस्थान नष्ट हो गया तो आप भी नहीं बच पाओगे।
दरअसल जज तब आवेग में आ गए, जब इस मामले में पेश वकीलों ने अपनी आवाज आक्रामक तरीके से तेज करते हुए एकसाथ बहस करना शुरू कर दिया। जस्टिस मिश्रा ने कहा, आप (वकील) हर दिन संस्थान (न्याय व्यवस्था) को नष्ट कर रहे हैं। केवल यदि ये संस्थान बचेगा तो वकील बचेंगे।
बार एसोसिएशन से भी जताई नाराजगी
जस्टिस अरुण मिश्रा ने इस बात पर भी नाखुशी जताई कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) इस मुद्दे पर खामोश है। उन्होंने ये टिप्पणी एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह की मौजूदगी में की, जो इस मामले में एक पक्ष की तरफ से पेश हुए थे।
सुप्रीमकोर्ट ने बार एसोसिएशनों को हड़ताल करने से रोका
छह जिला अदालतों में वकीलों की हड़ताल की वजह से न्यायिक कार्य प्रभावित होने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की तीस हजारी बार एसोसिएशन को हड़ताल करने या अदालत के किसी भी जज का बहिष्कार करने से रोक दिया। हड़ताल करने वाले वकील एक महिला वकील द्वारा कथित हमले के एक मामले में उसके पदाधिकारियों को झूठा फंसाये जाने का विरोध कर रहे थे।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की पीठ ने पीड़ित महिला वकील को समुचित सुरक्षा प्रदान करने का पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया। यह महिला वकील वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ न्यायालय में पेश हुई और उसने कहा कि वह अदालत में अपना बयान दर्ज कराने को लेकर भयभीत हैं।
पीठ ने कहा कि उसकी आशंका महज काल्पनिक नहीं बल्कि हकीकत में है। साथ ही पीठ ने उसे पूरी सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया ताकि वह अदालत में अपना बयान दर्ज करा सके।
पीठ ने कहा कि उसकी आशंका महज काल्पनिक नहीं बल्कि हकीकत में है। साथ ही पीठ ने उसे पूरी सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया ताकि वह अदालत में अपना बयान दर्ज करा सके।
बाद में , बार एसोसिएशन के नेताओं ने कहा कि दिल्ली की सारी जिला अदालतों की बार एसोसिएशन की समन्वय समिति द्वारा अपना आन्दोलन स्थगित करने के फैसले के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल के साथ उनकी बैठक हुई और अब वे कल से अपना काम शुरू करेंगे।