-->
भैया दूज को बहन का श्राप भाईयों के लिए होता है आशीर्वाद

भैया दूज को बहन का श्राप भाईयों के लिए होता है आशीर्वाद

भैया दूज को बहन का श्राप भाईयों के लिए होता है आशीर्वाद

विजय कुमार शर्मा की कलम से बगहा प,च,बिहार

कार्तिक शुक्लपक्ष के आरंभ में ही द्वितीया तिथि का क्षय हो गया है एवं नवमी तिथि की वृद्धि हो गयी है । जिससे यह पक्ष पन्द्रह दिन का ही है। क्षयवती द्वितीया तिथि में सर्वत्र भ्रातृ द्वितीया (भैया दूज) एवं चित्रगुप्त पूजा (कलम दवात पूजा) 29 अक्टूबर मंगलवार के दिन होगा और इसी दिन प्रातः काल बहनें श्रापन की परंपरा का निर्वहन भी करेंगी। कार्तिक शुक्लपक्ष द्वितीया तिथि को यम द्वितीया व भ्रातृ द्वितीया (भैया दूज) के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर भोजन कराया था तथा इस अवसर पर यमलोक में उत्सव भी हुआ था। इस दिन बहन के घर जाकर उनके हाथ का बना हुआ भोजन करने व उन्हें यथाशक्ति दान देने से कर्मपाश में बँधे हुए नारकीय पापियों को भी यमराज छोड़ देते हैं। उक्त जानकारी महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने दी।उन्होंने बताया कि इस तिथि में बहन के द्वारा अपने भाइयों को श्रापने की परंपरा है,और पुनः बहनें अपने जिह्वा पर रेंगनी के काँटों को चुभाती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन बहन का श्राप भाईयों के लिए आशीर्वाद होता है। बहनें इस दिन व्रत रखकर भाई के माथे पर तिलक लगाकर भाई के दीर्घ जीवन की कामना करतीं हैं।
               प्राचार्य पाण्डेय ने बताया कि आज के दिन अपने घर भोजन नहीं कर बहन के घर जाकर उनके हाथ का बना हुआ भोजन करना चाहिए। इससे बल,पुष्टि,धन,यश,आयु,धर्म,अर्थ और अपरिमित सुखों की प्राप्ति होती है।

Related Posts

0 Response to "भैया दूज को बहन का श्राप भाईयों के लिए होता है आशीर्वाद "

Ads 1

TOP CONTENT

ADS 3

ADS 4